सीवान, मार्च 22 -- गुठनी, एक संवाददाता। ओदिखोर गांव में चल रहे श्रीशतचंडी महायज्ञ में चौथे दिन जालंधर वध का मंचन किया गया। इसे देख दर्शक रोमांचित हो उठे। कथा के माध्यम से दिखाया गया कि ब्रह्मा जी के मानस पुत्र नारद ने इंद्र को उकसा कर भगवान शिव के पास उनका राज्य मांगने के लिए भेजा। पहले तो वह इंद्र को समझाते रहे, लेकिन जब वह नहीं माने, तो उनके क्रोध से जालंधर की उत्पत्ति हुई। जप-तप के बल पर वह अजेय शक्तियां प्राप्त कर लेता है और युद्ध में देवराज को परास्त कर देता है। इंद्र उसके डर से छिप जाते हैं, लेकिन नारद जी उसे देवराज के बारे में सबकुछ बता देते हैं। अपनी शक्तियों के मद में चूर जालंधर भगवान विष्णु, ब्रह्मा व शंकर से भी युद्ध करने पहुंच जाता है। अंत में भगवान विष्णु अपनी लीलाओं के द्वारा उसका वध कर देते हैं। उसकी पत्नी वृंदा भगवान को पत...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.