भागलपुर, दिसम्बर 3 -- भागलपुर, मुख्य संवाददाता। देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को आज भी भागलपुरवासी याद करते हैं। राजेंद्र बाबू कई मर्तबा भागलपुर आए हैं। आजादी के पहले और बाद में। बिहपुर में स्वराज आश्रम में अंग्रेजों की लाठियां खाने से लेकर भागलपुर में होने वाले आंदोलन में शिरकत करने और दीपनारायण सिंह के आवास पर विश्राम के कई किस्से तत्कालीन स्वतंत्रता सेनानियों ने कई मंचों पर बयां की है। लेकिन टीएमबीयू के सेवानिवृत्त प्राध्यापक श्रीभगवान सिंह की पुस्तक 'असहयोग की राह' में नई जानकारी दी गई है। इस पुस्तक में राजेंद्र बाबू की बायोग्राफी 'आत्मकथा' में भागलपुर यात्रा के जिक्र को प्रमुखता से लिया गया है। इस पुस्तक में बताया गया है कि गुजरात से शुरू हुआ असहयोग खिलाफत दो दिन बाद ही भागलपुर आ गया। जिसका नेतृत्व स्वयं राजेंद्र प्रसाद ने ...
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