नई दिल्ली, जनवरी 27 -- महाराष्ट्र में गुइलेन बैरी सिंड्रोम (जीबीएस) की बीमारी के 100 से अधिक मरीज मिले हैं। पुणे में इस बीमारी से एक मरीज की मौत भी हो गई। एम्स की प्रोफेसर डॉक्टर सुजाता शर्मा का कहना है कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है लेकिन लक्षण दिखने पर इसका तुरंत इलाज कराना चाहिए। खुद इस बीमारी को मात दे चुकी एम्स की डॉक्टर सुजाता ने बताया कि यह संक्रामक बीमारी नहीं है। उन्होंने कहा कि गिलियन बैरे सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें इंसान के शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता उसकी के ही तंत्रिका तंत्र पर अटैक कर देती है। इस वजह से मरीजों को कमजोरी, सुन्न होने या फिर लकवा मारने जैसे दिक्कतें हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ जीबीएस की समस्या को मेडिकल इमरजेंसी के तौर पर देखते हैं, जिसमें रोगी को तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है। इलाज न मिलने पर जान ...