वाराणसी, दिसम्बर 1 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू के मालवीय भवन स्थित गीता समिति की ओर से सोमवार को मोक्षदा एकादशी पर गीता जयंती महोत्सव का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में हनुमत्पीठ अयोध्या के पीठाधीश्वर स्वामी मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा कि गीता प्रवृत्ति से निवृत्ति का विज्ञान है। गीता में कर्म और ज्ञान के बीच सेतु भक्तियोग है। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि गीता का सिद्धांत है कि समस्त मानव मात्र में एक दिव्य आत्मा विद्यमान है। ऐसे भाव से ही समानता, सम्मान और समावेशिता को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि गीता द्वारा दिया गया ध्यान और आत्म-नियंत्रण का उपदेश आधुनिक मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने कहा कि गीता हमें बुद्धिमत्ता के साथ...
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