प्रयागराज, सितम्बर 28 -- गीता ज्ञान कुटुंब सेवा संस्थान की ओर से रविवार को दारागंज स्थित धनराज वृद्धाश्रम में गीता सत्संग और भजन-कीर्तन आयोजित किया गया। कथावाचक प्रकाश तिवारी ने कहा कि गीता केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। जिस प्रकार अर्जुन ने कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण के उपदेश से जीवन का मार्ग पाया, उसी प्रकार आज के युवाओं को भी गीता से प्रेरणा लेकर समाज सेवा, संस्कृति संरक्षण और राष्ट्र निर्माण के पथ पर अग्रसर होना चाहिए। गीता हमें निराशा में आशा देती है, मोह में विवेक देती है और कठिनाइयों में कर्म करने का बल देती है। शिवम, आकाश, अमन श्रीवास्तव, रूपाली, प्रीति त्रिपाठी, आलोक रंजन,नवीन श्रीवास्तव, विमल तिवारी मौजूद रहे। संचालन राहुल त्रिपाठी ने किया।

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