बदायूं, जून 29 -- बिसौली। गांव हतसा के शिव शक्ति धाम लक्ष्मी नारायण मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथाव्यास अंबिका देवी ने गिरिराज पर्वत की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि गिरिराज पर्वत साक्षात भगवान कृष्ण हैं। इन्द्र का घमंड तोड़ने के लिए गिरिराज पूजन करवा कर भगवान ने 56 भोग अर्पित कराए। देवी जी ने कथा में बताया कि एक बार ब्रह्मा जी को भी अभिमान हो गया था। भगवान कृष्ण जब गाय बछड़े चरा रहे थे, तब ब्रह्मा जी ने उन्हें मायावी समझकर गाय बछड़ों को छुपा दिया। भगवान ने स्वयं गाय बछड़े बनकर ब्रह्मा जी का मोह भंग किया और उनके घमंड को दूर किया। कथा में गोपियों के वस्त्रहरण, महारास लीला और कामदेव के अभिमान के नाश का प्रसंग सुनाया गया। इस अवसर पर महेश पाठक, श्री नत्थू लाल शर्मा, डॉ. अजीत सिंह, सुरेन्द्र वकील, रामेन्द्र मास्टर, सतपाल शर...