प्रयागराज, फरवरी 14 -- गंगा पंडाल शुक्रवार को गायन, वादन और नृत्य की त्रिवेणी से सराबोर रहा। भातखंडे संगीत संस्थान के पहले कुलपति व ग्वालियर घराने के पं. विद्याधर ने सबसे पहले रागश्री में हरि के चरण कमल, निस दिन सुमन लें पद की भावपूर्ण प्रस्तुति दी। फिर राग शंकरा में उन्होंने 'शंकर भंडार भोले व राग बसंत में 'पशुपति गिरजावर की मनमोहक प्रस्तुत दी तो अंतिम प्रस्तुति में महाकुम्भ को ध्यान करते हुए भजन 'चलो मन गंगा यमुना तीरे की प्रस्तुति से समां बांधा। संगीत नाटक अकादमी से पुरस्कृत नृत्यांगना बनाश्री राव ने नृत्य नाटिका से भगवान शिव को समर्पित व उनके विभिन्न रूपों को प्रदर्शित किया। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप व यशोदा मां के मातृत्व भाव प्रसंग की नृत्य से मनमोहक प्रस्तुति दी। अमृता मुरली ने मधुर राग छेड़ी। उन्होंने राग कुन्तलावर्ली...