गाजियाबाद। हिन्दुस्तान, मई 19 -- गाजियाबाद पुलिस के बीट ऑफिसर को अपनी इनकम का जरिया नहीं बताने वाले अपराधियों की मुश्किल बढ़ेंगी। रोजगार की जानकारी न देने वाले अपराधियों को संदेह के आधार पर अपराध में लिप्त माना जाएगा। ऐसे अपराधियों की निगरानी बढ़ेगी और उनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी। पुलिसिंग में बीट प्रणाली दशकों से चली आ रही है, लेकिन गाजियाबाद कमिश्नरेट के दूसरे पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने 2 मई को इसे प्रभावी ढंग से लागू कराया है। कमिश्नरेट की जनसंख्या के आधार पर थानावार कुल 2096 बीट बनाते हुए उनके बीट पुलिस ऑफिसर (बीपीओ) नियुक्त किए गए हैं। यह भी पढ़ें- बांग्लादेशियों पर डिपोर्ट से पहले लग रहा 'तकनीकी ठप्पा', क्या है मकसद पुलिस कमिश्नर ने बीट प्रणाली में 10 से 15 फीसदी भागीदारी महिला पुलिसकर्मियों की भी तय की गई है। इतना ...