नई दिल्ली, अगस्त 12 -- रहीस सिंह,विदेशी मामलों के वरिष्ठ अध्येता 'हम लगभग हर दिन उन फलस्तीनियों पर गोलियां चलने के मामले देख रहे हैं, जो भोजन की तलाश में सहायता केंद्रों तक पहुंचते हैं या वहां से लौटते हैं। कई बार ये गोलियां सहायता केंद्र के भीतर खड़े लोगों पर चलाई गईं, तो कई बार वे लोग निशाना बने, जो भोजन या आटे का बोरा लेकर अपने घर लौट रहे थे।' यह कहना है भुखमरी के बीच घेरे में फंसे गाजा के डॉक्टरों का। सवाल यह उठता है कि यह प्रक्रिया रुकेगी या गाजा के सर्वनाश तक जारी रहेगी? एक बात और, इजरायल को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है, लेकिन क्या वह गाजा की महिलाओं और बच्चों को मारकर हासिल हो सकती है? अंतिम प्रश्न यह कि क्या दुनिया ने अपनी आंखें यह मानकर मूंद ली हैं कि सब कुछ ठीक चल रहा है या फिर उसकी आंखें खुली हैं और यह मान लिया गया है कि जं...