संवाददाता, अगस्त 24 -- यूपी के आजमगढ़ के जहानागंज क्षेत्र के नरेहथा गांव में मगई नदी के पुल के पास शनिवार तड़के पुलिस एनकाउंटर में मारा गया एक लाख का इनामी शंकर कनौजिया दुर्दांत अपराधी था। वह लोगों के सिर धड़ से ऐसे अलग करता था, मानो गाजर-मूली काट रहा हो। यही नहीं, पहचान नहीं होने देने के लिए कटे सिर अंजान स्थानों पर फेंक देता है। कहना गलत नहीं होगा कि वह आतंक का पर्याय था। महज 16 साल की उम्र में शंकर कनौजिया ने जरायम की दुनिया में कदम रखा। उसके विरुद्ध पहला केस वर्ष 1999 में दर्ज हुआ। मामला था मारपीट का। मऊ के दोहरीघाट थाने में मुकदमा दर्ज होने के बाद वह चर्चा में आ गया। उसने अपना दायरा बढ़ाया। वर्ष 2001 और 2002 में लूट की कई वारदातें कीं। दरअसल, जन्म के छह दिन बाद ही मां की मौत होने के बाद उसे नियंत्रित करने वाला कोई नहीं था। यह भी पढ़ें...
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