देवघर, अप्रैल 20 -- प्रखंड के कचुआबांक पंचायत अंतर्गत आदिवासी बहुल गांव लोधरा के ग्रामीण आज भी मोहल्ले से दूर स्थित चापाकलों से पीने का पानी लाकर अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं। गर्मी का मौसम आ रहा है, ऐसे में आम लोगों से लेकर पशुओं को पिलाने के लिए पानी की अत्यंत आवश्यकता है। सरकार द्वारा पेयजल की व्यवस्था तो की गई है, परन्तु विभाग की लापरवाही एवं अधिकारियों के उदासीन रवैये के कारण ग्रामीणों के समक्ष पेयजल की भीषण समस्या उत्पन्न हो गई है। बताते चलें कि लोधरा गांव के बीच में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा जलमीनार लगाकर पाइप के माध्यम से आसपास के सभी घरों में पेयजलापूर्ति की जा रही थी। परन्तु महज एक वर्षों के बाद ही मोटर जल गया। उसके बाद कई महीनों तक उसकी सुधि लेने कोई नहीं आया। बाद में ग्रामीणों ने इसकी शिकायत विभाग से लेकर अन्य सरकारी अध...