मुजफ्फरपुर, दिसम्बर 17 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। जिले में 200 से अधिक गुंडा बैंकों ने गांव-गांव में अपना गोरख धंधा फैला रखा है। ये गुंडा बैंक ऐसे गरीब लोगों को शिकार बनाते हैं, जिनके घर पर चढ़कर आसानी से लोन की वसूली की जा सके। छोटे कर्ज पर भी ये 30 प्रतिशत तक ब्याज वसूल रहे हैं। अलग-अलग तरह के माइक्रो फाइनेंस कंपनी के नाम पर महिलाओं को लोन देने वाले ये गुंडा बैंक संचालित हैं। इनसे कर्ज लेने वाली गरीब महिलाओं को गहने और राशन तक बेचने को मजबूर होना पड़ जा रहा है। कर्ज वसूली के लिए दबंग और अपराध से जुड़े लोगों को रखा जाता है, जो घर पर पहुंचने के बाद बेरहम हो जाते हैं। ऋण लेने वाली महिलाओं को वसूलीकर्ता जमकर प्रताड़ित भी करते हैं। किस्त फेल होने पर ब्याज की दर बढ़ा दी जाती है। केवल सकरा प्रखंड में 80 नन बैंकिंग कंपनियों के कार्यरत होने...