बलरामपुर, नवम्बर 15 -- बलरामपुर, संवाददाता। मुख्यालय से सटे धुसाह गांव की जमीन पर आवास विकास परिषद की ओर से अनिवार्य अभिनिर्णय घोषित किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। ग्रामीणों के मुताविक वर्ष 2003 में हुए प्रकाशन के बाद अब तक न तो किसानों को प्रतिकर दिया गया और न ही जमीन पर कब्जा ही प्राप्त किया गया है। धुसाह के लोगों ने डीएम को प्रार्थना-पत्र देकर जमीन को आवास विकास परिषद से मुक्त कराए जाने की मांग की है। जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन को दिए गए प्रार्थना पत्र में धुसाह निवासी पवन कुमार तिवारी, शशांक देव, कृष्ण देव, अशोक कुमार पाण्डेय, सुनीता, कृष्ण कुमार व ग्राम प्रधान राजू ने कहा है कि वर्ष 2003 में आवास विकास परिषद की ओर से जमीन के सम्बन्ध में धारा-28 का प्रकाशन किया गया था। तब से अब तक किसानों को न तो प्रतिकर दिया गया है और न ही कब्जा ...