गौरीगंज, मई 6 -- अमेठी। संवाददाता स्वच्छता को लेकर सरकार भले ही करोड़ों रुपए खर्च कर योजनाएं चला रही हो, लेकिन जमीनी स्तर पर इन योजनाओं की हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। अमेठी तहसील के चारों विकास खंडों में निर्मित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र वर्षों से शोपीस बने हुए हैं। न तो कचरा प्रबंधन केंद्रों का संचालन शुरू हो सका है, बल्कि कचरा ढोने के लिए उपलब्ध कराए गए वाहन भी बेकार पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं। सरकार की मंशा थी कि गांवों में सार्वजनिक स्थलों व जलनिकासी नालियों की सफाई के बाद जो कचरा गलियों में बिखरा रह जाता है, उसे एकत्र कर विशेष अपशिष्ट प्रबंधन केंद्रों में लाया जाए। वहीं गीले और सूखे कचरे का पृथक कर उचित निस्तारण किया जाए। इसके लिए हर ग्राम पंचायत को लाखों रुपये खर्च कर एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र और कचरा वाहन मुहैया क...