पटना, फरवरी 14 -- पटना में धरनास्थल, विरोध-प्रदर्शन आदि के लिए स्थान आवंटित किये जाने को लेकर दायर लोकहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई अधूरी रही। प्रशांत किशोर की ओर से दायर याचिका पर कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुनवाई की। मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि नागरिकों को शांतिपूर्ण धरना, विरोध-प्रदर्शन करने का मौलिक अधिकार है। लेकिन हाईकोर्ट के 2015 के फैसले के तहत राजधानी पटना के गर्दनीबाग क्षेत्र में धरनास्थल घोषित किया गया और शहर के किसी भी क्षेत्र में धरना प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन के लिए चिह्नित स्थान पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया जा सकता है। प्रशासन के दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि अ...