लखनऊ, मई 12 -- लखनऊ, संवाददाता। बीबीएयू में स्थायी आयोजन समिति व इतिहास विभाग ने बौद्ध धर्म एवं भारतीय सभ्यता पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। अध्यक्षता कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। उन्हों कहा कि बुद्ध पूर्णिमा केवल एक पर्व नहीं बल्कि आत्मचिंतन, शांति एवं ज्ञान की ओर अग्रसर होने का प्रतीक है। उन्होंने छात्रों को 'ऑब्जर्व, फॉलो एवं सी द बेनिफिट के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। जिसका अर्थ पहले गहराई से देखना, फिर जीवन में सकारात्मक सिद्धांतों को अपनाना और अंततः उनके लाभ को अनुभव करना है। डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो. एस. विक्टर बाबू, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. आनंद सिंह, एलयू की प्रो. सुषमा त्रिवेदी, बीबीएयू की प्रो. शूरा दारापुरी ने भी अपने विचार रखे। संचालन डॉ. सिद्धार्थ शंकर राय ने किया।
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