रायपुर, सितम्बर 9 -- छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हत्या के एक मामले में धारा 302 और 120-B के तहत उम्रकैद की सजा पा चुके तीन आरोपियों को बरी कर दिया है। जबकि 2 गवाहों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने आरोपियों को महिला का गला घोंटते और उसे ले जाते हुए देखा। लेकिन, अदालत ने इस मामले में कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों के बयान अविश्वसनीय थे और उनकी लंबी चुप्पी मामले पर संदेह पैदा करती है। न्यायमूर्ति रजनी दुबे और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ ने 1 सितंबर को यह फैसला सुनाया। अदालत ने कोरिया जिले के बैकुंठपुर के सत्र न्यायाधीश के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें आरोपियों को IPC की धारा 302 (हत्या) और 120-बी (साजिश) के तहत आजीवन कारावास और धारा 201 के तहत 7 साल की सजा सुनाई गई थी।अब पढ़िए क्या था हत्या का मामला? 2 मार्च 2015 को कोरिया जिले के अमरपु...