रामपुर, अक्टूबर 16 -- आजम की बेगुनाही साबित करने के लिए उनके दो गवाह बुधवार को कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। जिस पर अदालत ने दोनों के जमानती वारंट जारी किए हैं। इस मामले में 29 अक्तूबर को सुनवाई होगी। मालूम हो कि सपा शासनकाल में शहर कोतवाली क्षेत्र के यतीमखाना में बस्ती खाली कराई गई थी। आरोप है कि तत्कालीन कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां के इशारे पर उनके खास सीओ सिटी आले हसन और कुछ पुलिस वाले, ठेकेदार और समर्थकों ने जबरन बस्ती खाली कराई। विरोध करने पर मारापीटा और घरों में लूटपाट कर बुलडोजर चलवा दिया। इस मामले में सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद 12 मुकदमें हुए थे, जिनका आजकल ज्वाइंट ट्रायल एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में चल रहा है। बुधवार को आजम की बेगुनाही साबित करते के लिए बचाव पक्ष के गवाह इंतेजार अहमद और करीम हुसैन को कोर्ट में पेश होना था लेकिन, ...