पणजी।, अगस्त 24 -- CJI BR Gavai: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने शनिवार को कहा कि उन्हें अनुसूचित जातियों के आरक्षण में उपवर्गीकरण पर दिए गए अपने ऐतिहासिक फैसले को लेकर भारी आलोचना झेलनी पड़ी है। यहां तक कि उनकी ही जाति के लोग उनके खिलाफ खड़े हुए। गोवा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोलते हुए CJI गवई ने कहा, "मेरे समुदाय के लोगों ने भी इस फैसले की आलोचना की। लेकिन मैं मानता हूं कि मुझे अपने निर्णय जनता की अपेक्षाओं के अनुसार नहीं, बल्कि कानून की समझ और अपनी अंतरात्मा के अनुसार लिखने होते हैं।" अगस्त 2024 में सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संवैधानिक पीठ ने 6-1 के बहुमत से फैसला सुनाया था कि अनुसूचित जातियां सामाजिक रूप से एक समान वर्ग नहीं हैं और राज्यों को उनमें उपवर्गीकरण करने का अधिकार है, ताकि सबसे वंच...