मेरठ, नवम्बर 3 -- हस्तिनापुर। कार्तिक की अष्टान्हिका के पावन पर्व श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर के स्वर्णमयी नंदीश्वरद्वीप जिनालय में चल रहे श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान में रविवार को भगवान की शांतिधारा, अभिषेक आदि किए गए। सर्वप्रथम मुख्य वेदी पर आचार्य ज्ञान भूषण महाराज के सानिध्य में विनोद जैन व चंद्रकिरण जैन आदि ने भगवान का अभिषेक और शांतिधारा की। तदोपरांत सभी श्रद्धालु श्री पंचमेरू नंदीश्वरद्वीप जिनालय पहुंचे और मंगलाष्टक के साथ विधान की क्रियाएं प्रारंभ की। अनिल जैन, अनिता जैन, शोभा जैन,, अर्चना जैन,, राकेश जैन आदि ने मांडले पर अर्घ्य समर्पित किए। आचार्य ने कहा कि मनुष्य शरीर से उतने पाप नहीं करता, जितने मन से करता है। इसलिए कहते हैं कि मन को परमात्मा के पास समर्पित कर दो तो कोई गलत काम नहीं हो पाएगा। अगर मन साफ है तो किसी ...