बुलंदशहर, मई 2 -- श्वेत क्रांति से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई दुग्ध सहकारी समितियों से दुग्ध का उत्पादन लगातार घट रहा है। जिले में 400 में से केवल 298 दुग्ध समितियां ही क्रियाशील हैं। 102 समितियां हैं जो पूरी तरह से ठप हैं और इनमें दूध नहीं पहुंच रहा है। बाजारों में दूध के दाम महंगे होने से समितियों पर अब ज्यादा मात्रा में दूध नहीं पहुंच रहा है। प्राइवेट डेयरी के माध्यम से किसान शहरी क्षेत्रों में दूध सप्लाई कर रहे हैं। किसानों को समितियों पर केवल 52 रुपये प्रति लीटर दूध के दाम मिल रहे हैं। सर्दियों में समिति पर छह हजार लीटर प्रतिदिन आता था मगर जैसे ही गर्मियों आई तो दूध काफी मात्रा में घट गया है। समितियों पर मात्र दो हजार लीटर दूध रह गया है। चार हजार लीटर दूध एकदम घट गया है जो काफी चिंता का विषय है। बाजारों में दूध के दाम...