देवरिया, अप्रैल 2 -- देवरिया, निज संवाददाता। गर्भावस्था के दौरान की जा रही लापरवाही, समय से पहले जन्म, वजन कम होने, अधिक आयु में पैदा होने वाले बच्चे आटिज्म की चपेट में आते हैं। गर्भावस्था के दौरान बिना डॉक्टर की सलाह के दवाईयां लेने से साइड इफेक्ट होता है, इससे भी बच्चा आटिज्म से पीड़ित होता है। मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग की ओपीडी में हर महीने आटिज्म पीड़ित 8 से 10 बच्चे आ रहे हैं। अधिक उम्र में शादियां आने वाली संतानों के लिए खतरनाक हो सकती हैं। आटिज्म प्रारंभिक मस्तिष्क विकास के महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रभावित करता हैं। यह बीमारी लड़कों में ज्यादा पाया जाता हैंI स्वस्थ्य मनुष्य के मस्तिष्क का पूरा क्षेत्र एक दूसरे के साथ संवाद करते हैं I जबकि आटिज्म से प्रभावित बच्चों में, यह क्रिया धीमी होती है। यह बीमारी अनुवांशिक व पर्यावरणीय दोन...