नई दिल्ली, दिसम्बर 9 -- गरुण पुराण में अकाल मृत्यु (दुर्घायु से पहले मृत्यु) को सबसे कष्टदायक बताया गया है। दुर्घटना, हत्या, आत्महत्या या भयंकर बीमारी से हुई मृत्यु को अकाल मृत्यु कहते हैं। ऐसे में आत्मा को सामान्य मृत्यु की तरह शांति नहीं मिलती है। आइए गरुण पुराण के आधार पर जानते हैं कि ऐसी आत्मा के साथ क्या-क्या होता है।यमदूत नहीं, बल्कि क्रूर दूत ले जाते हैं सामान्य मृत्यु में यमदूत आत्मा को ले जाते हैं, लेकिन अकाल मृत्यु में क्रूर और भयानक रूप वाले यमदूत आते हैं। गरुण पुराण में लिखा है कि ये दूत आत्मा को रस्सी से बांधकर खींचते हैं। आत्मा को बहुत पीड़ा होती है, क्योंकि वह अचानक मृत्यु के लिए तैयार नहीं होती है। वह बार-बार अपने शरीर को देखती है और रोती है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं होता है।प्रेत योनि में भटकना पड़ता है अकाल मृत्यु वाली आत...