नई दिल्ली, दिसम्बर 11 -- देश के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने गुरुवार को एक विधवा महिला को मुआवजे की रकम दिलवाने के बाद कहा है कि अदालत का मकसद सिर्फ यही है कि एक गरीब व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान आए और न्यायालय को इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए। दरअसल हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की पहल के बाद रेलवे ने लगभग 23 साल बाद बिहार की एक विधवा को ढूंढकर उसके बैंक खाते में 8.92 लाख रुपये का मुआवजा जमा किया है। उच्चतम न्यायालय ने इसपर खुशी जताई। CJI सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्य बागची की बेंच ने बताया कि इतने सालों बाद विधवा महिला को ढूंढना बेहद मुश्किल काम था क्योंकि वह बिहार के एक दूरदराज गांव में अपना ठिकाना बदल चुकी थीं और उनके स्थानीय वकील का निधन हो गया था जिसके बाद संपर्क पूरी तरह टूट गया था।गरीब के चेहरे पर मुस्कान ही असली कमाई- CJI हालांकि बेंच ने रे...