नई दिल्ली, सितम्बर 15 -- गरीबी, मजदूरी और खेती बाड़ी के बीच जिंदगी गुजार रही ओडिशा की कालाहांडी जिले की बिदु नायक ने साबित कर दिया कि सच्चा हौसला कभी हालात से हार नहीं मानता। 21 वर्षीय बिदु नायक नुआपाड़ा गांव की रहने वाली हैं, आज मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बनने की राह पर हैं।बिदु नायक की जिंदगी और शुरुआती संघर्ष बिदु के माता पिता नरेंद्र नायक और प्रेमसिल्ला नायक खेतिहर मजदूर हैं और भत्रा जनजाति से ताल्लुक रखते हैं। नुआपाड़ा गांव के सरकारी प्राथमिक स्कूल से पढ़ाई शुरू करने वाली बिदु ने आगे की पढ़ाई कन्याश्रम, दुलमिबंध में पूरी की। हालात ऐसे थे कि 10वीं के बाद उच्च शिक्षा का सपना लगभग टूट चुका था। पैसों की कमी ने उन्हें वापस गांव लौटने पर मजबूर किया, जहां उन्होंने स्थानीय बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया और खेती में हाथ बंटाती रहीं।भाई और रिश...