नई दिल्ली, अगस्त 22 -- 7 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो रहा है। इस दौरान गया जी में लाखों लोग पिंडदान के लिए जाते हैं। पुराणों के मुताबिक गयाजी में भगवान राम ने अपने पिता दशरथ का पिंडदान वहां किया था। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर भगवान विष्णु पितृ देवता के रूप में विराजमान रहते हैं। इसीलिए इसे पितृ तीर्थ भी कहा जाता है। जो गयाजी में पिंडदान करता है, वो अपनी 7 पीढ़ियों का उद्धार कर लेता है। उसके पितरों को सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है। गयाजी के इसी महत्व के चलते यहां लाखों लोग हर साल अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आते हैं। गयाजी में पिंडदान क्या पितृपक्ष में करें अग्नि पुराण में लिखा है कि गया तीर्थ में काल आदि का कोई नियम नहीं है। वहां रोजाना पिंडदान देना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जो वहां डेढ़ महीने रहता है, वह सात पीढ़ी तक के पितरों को पवित्र ...