मुरादाबाद, अगस्त 31 -- जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ.राजेन्द्र पाल सिंह ने गन्ने के लाल सड़न रोग पर रोक और बचाव के उपाय की जानकारी दी है। बताया कि इस रोग को गन्ने का कैंसर भी कहते हैं। यह रोग कोलेटोट्राइकम फलकेटम नामक फफूंद से फैलता है। इस रोग के लक्षण जुलाई-अगस्त से फसल रहने तक दिखाई देते हैं। बताया है कि गन्ने में अगोले की तीसरी से चौथी पत्तियां एक किनारे अथवा दोनों किनारों से सूखना प्रारम्भ हो जाती हैं। धीरे-धीरे पूरा अगोला सूख जाता है। तने का गूदा लाल रंग का दिखाई देता है, जिसमें सफेद धब्बे दिखाई पड़ते हैं। रोग संक्रमिक मिट्टी और बोए गए बीज के माध्यम से फैलता है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों से अपील की है कि रोग प्रतिरोधी सीओ-85, एलके-94184 प्रजाति का उपयोग करें। गन्ने के कटे हुए सिरे अथवा गांठों पर लालिमा दिखे तो ऐसे सेट का प्रयोग न...