वाराणसी, जुलाई 3 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। आईआईटी बीएचयू के वैज्ञानिकों ने गन्ने के बायोमास अपशिष्ट और जीवाणु की एक नई प्रजाति की मदद से हरित हाइड्रोजन उत्पादन की तकनीक विकसित की। आईआईटी के स्कूल ऑफ बायोकेमिकल इंजीनियरिंग की बायोमॉलिक्यूलर इंजीनियरिंग प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों ने यह उपलब्धि हासिल की। अनुसंधान दल ने सीवेज स्लज अपशिष्ट जल से 'अल्कलाईजीनस अमोनिऑक्सिडेंस एसआरएएम नामक एक अत्यधिक प्रभावी हाइड्रोजन-उत्पादक जीवाणु प्रजाति अलग किया। यह जीवाणु प्रजाति गन्ने की खोई (बैगास) को प्रभावी रूप से हाइड्रोजन गैस में परिवर्तित करने में सक्षम है। एनसीबीआई जीनबैंक में पंजीकृत यह जीवाणु प्रजाति डार्क फर्मेंटेशन की प्रक्रिया से हाइड्रोजन बनाती है। इस जीवाणु प्रजाति का बायोपॉलिमर उत्पादन की क्षमता के लिए भी अध्ययन किया गया है। इस नवाचार के वै...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.