संतकबीरनगर, जून 20 -- हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। जिले के किसानों का गन्ना की खेती से मोह भंग हो गया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 300 हेक्टेयर क्षेत्रफल की कमी आई है। गन्ना रकबा में कमी की वजह गन्ना मूल्य का वाजिब मूल्य न मिलाना और लेबर संकट बताया जा रहा है। गन्ना रकबा कम होने से समितियों की आय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। जिले में गन्ने की खेती को नकदी फसल के रूप में जाना जाता था। खलीलाबाद चीनी मिल के रहने पर जिले में 10 से 15 हजार हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की बुवाई की जा रही थी। खलीलाबाद चीनी मिल बंद होने के बाद से ही गन्ना क्षेत्रफल में कमी आने लगी। चार साल पहले चीनी मिल मुंडेरवा स्थापित हुई तो लोगों को लगा कि एक बार फिर गन्ना क्षेत्रफल में इजाफा होगा। पिछले तीन वर्षों से लगातार गन्ना क्षेत्रफल में कमी आती जा रही है। 2023 में 147...