कानपुर, अगस्त 14 -- कानपुर देहात, संवाददाता। रसूलाबाद के नार कहिंजरी स्थित राजा दरियाव चंद्र का किला 1857 की गदर में क्रांतिकारियों की गतिविधियों का केंद्र बना था। यहां एकत्र हुए रियासतदारों ने जांबाजों के साथ अंग्रेजी सेना पर हमलाकर गंगापार तक खदेड़ने के साथ ही सरकारी खजाना लुटवा लिया था। गदर के बाद राजा दरियावचंद्र को गिरफ्तार कर धर्मगढ़ परिसर में नीम के पेड़ से लटका कर फांसी दी गई थी। तक्षशिला के राजा नार ऋषिदेव ने रिंद नदी किनारे नार कालिंजर नगर बसाने के साथ ही यहां विशाल गढ़ी का निर्माण कराया था। जो अपभ्रंश रूप में इस समय नार कहिंजरी के नाम से जानी जाती है। 1857 में जंग-ए- आज़ादी का ऐलान के बाद यहां के गौर राजा दरियावचंद्र ने इसी किले में बैठकर रियासत दारों व देश प्रेमियों के साथ देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने व अंग्रेजों से लोह...