संभल, अगस्त 19 -- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े मेलों में शुमार मेला गणेश चौथ की तैयारियां जोरों पर हैं। मेले का मुख्य आकर्षण स्वचालित रथ यात्रा रहती है । इस दिन जनपद में स्थानीय अवकाश घोषित किया जाता है। इसे देखने के लिए प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से भी लोग आते है। शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डा. गिरीराज किशोर ने 1961 में पहली बार अपने हाथ से भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति बनाकर चन्दौसी नगर में भ्रमण कराया। तभी से इस मेले की नींव पड़ गई । उस दौरान मंदिर के पास में पूजा-अर्चना के लिए इक्का-दुक्का प्रसाद की दुकानें लगने लगी थीं। उसके बाद हर साल मेला गणेश चौथ विस्तार लेता रहा और अब यह मेला पश्चिमी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा तो गणेश चौथ पर लगने वाला मुंबई के बाद दूसरा सबसे बड़ा मेला माना जाता है। मेले में प्रतिवर्ष एक मुख्य झांकी किसी धार...