जमुई, नवम्बर 3 -- झाझा, निज संवाददाता झाझा विधान सभा क्षेत्र में भी चुनावी बिसात पूरे दमखम के साथ बिछी है। चुनावी रणभूमि में कूदकर दो-दो हाथ करने में लगे दलीय-निर्दलीय सभी यो़द्धा मतदाताओं को रिझाने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ते दिख रहे हैं। पुरानी कहावत है कि मोहब्बत व जंग में सब जायज है। हस्तिनापुर की इस लड़ाई में भी साम, दाम, दंड, भेद की नीति से ले एक बार फिर बड़े-बड़े वादे-दावे की चासनी में लिपटे मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाने जैसी जुगतों से भी कोई गुरेज नजर नहीं आ रहा है। पर, ऐसे आलम में कहीं न कहीं बेचारा बने आम मतदाताओं की पीड़ा यह कि बड़े-बड़े वादे-दावे के बीच उन बातों की बात कोई नहीं कर रहा जिनसे उनके एवं उनके क्षेत्र का कहीं अधिक सरोकार है। मतदाताओं की यह पीड़ा शायद लाजिमी भी है। उनके सरोकारों वाली बातों से जुड़े स्थानीय मुद्दे गठ...