नई दिल्ली, जुलाई 18 -- सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि जेल नियम राज्यों पर अलग-अलग लागू होते हैं और उन्हें गंभीर रूप से बीमार कैदियों की रिहाई के लिए एक समान नियम बनाने चाहिए। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की एक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें असाध्य रोगों से पीड़ित या 70 वर्ष से अधिक आयु के कैदियों के एक समूह को जेल से रिहा करने का अनुरोध किया गया था। केंद्र ने दावा किया कि इस मुद्दे पर एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जा चुकी है और यह रिकॉर्ड में मौजूद है। हालांकि, पीठ ने कहा कि अंततः जेल नियम सभी राज्यों पर अलग-अलग लागू होते हैं। सभी राज्यों को एक समान जेल नियम बनाना होगा, जिसमें गंभीर रूप से बीमार कैदियों की रिहाई पर विचार किया जाना चाहिए। ...