लखनऊ, सितम्बर 1 -- -मुख्यमंत्री का निर्देश, प्राणघातक रोग से ग्रस्त बंदियों, वृद्ध, असहाय बंदियों की वास्तविक संख्या जानने को कराएं सर्वेक्षण, प्राथमिकता के साथ होगी रिहाई -सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप पारदर्शी नीति बनाने पर मुख्यमंत्री का जोर -बोले मुख्यमंत्री, असाध्य रोगों से ग्रसित व वयोवृद्ध बंदियों के मामलों में संवेदनशील निर्णय होना चाहिए -हत्या, आतंकवाद, देशद्रोह व जघन्य अपराधों में रिहाई नहीं की जाएगी -मुख्यमंत्री का निर्देश, व्यवस्था ऐसी बनाएं कि हर साल जनवरी, मई और सितम्बर में स्वतः समीक्षा हो -राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की प्रणाली अपनाकर बंदियों को न्यायिक अधिकारों का लाभ देने पर विचार लखनऊ, विशेष संवाददाता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीर बीमारियों से ग्रसित बंदियों की समयपूर्व रिहाई से संबंधित नियमों को और अधिक...