नई दिल्ली, सितम्बर 15 -- सात साल से सजा वाले गंभीर अपराधों में फोरेंसिंक विशेषज्ञों को घटनास्थल पर बुलाना जरूरी है। इनके पहुंचने से पहले तक घटनास्थल को सुरक्षित रखने के लिए किसी को भी वहां जाने पर रोक रहे। पुलिसकर्मी भी इस तरह से मुआयना करें कि फोरेंसिंक टीम को साक्ष्य उठाने में दिक्कत का सामना न करना पड़े। यूपी के डीजीपी राजीव कृष्ण ने इन बिन्दुओं के साथ ही सभी कप्तानों, पुलिस कमिश्नरों व रेंज के डीआईजी-आईजी को एसओपी भेजी है। उन्होंने एसओपी का पालन न करने वाले और विवेचना में लापरवाही मिलने पर दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है। एसओपी के मुताबिक क्राइम सीन प्रबन्धन का ध्यान रखा जाना बहुत जरूरी है। नए कानून में थाना प्रभारी को तय करने को कहा गया है कि फोरेंसिंक विशेषज्ञों का घटनास्थल पर निरीक्षण जरूर हो। साथ ही सा...