नई दिल्ली, अक्टूबर 21 -- देश भर की अदालत परिसरों में गंदे शौचालय जज, अधिवक्ताओं, वादियों और कर्मचारियों सहित सभी उपयोगकर्ताओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। यह जानकारी विभिन्न उच्च न्यायालयों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर एक स्थिति रिपोर्ट में दी गई है। सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया कि महानगरों के उच्च न्यायालयों में भी गंदे शौचालयों की स्थिति धन आवंटन, रखरखाव अनुबंधों को लागू करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने में प्रशासनिक विफलता को दर्शाती है। प्रमुख उच्च न्यायालयों और जिला अदालतों में विकलांग व्यक्तियों के लिए सुविधाओं का अभाव समानता के उनके अधिकार का उल्लंघन है। स्थिति रिपोर्ट में कहा गया कि विकलांग व्यक्तियों के शौचालयों में रैंप, सपोर्ट बार और व्हीलचेयर के लिए उचित मोड़ की कमी है। शीर्ष अदालत को बताया गया कि अधिकांश अदालत परिसर ...