महाराजगंज, अगस्त 27 -- महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। नेपाल व बिहार की सीमा से सटे गंडक नदी के उस पार बसे जिले के तीन गांव सोहगीबरवा, शिकारपुर व भोथहा के किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती खाद की है। इन गांवों और डेढ़ दर्जन टोला में न तो साधन सहकारी समिति है और न ही प्राइवेट बिक्री केंद्र। मजबूरन किसानों को कुशीनगर के खड्डा कस्बे या बिहार के बगहा और बाल्मीकिनगर से खाद लानी पड़ रही है। किसानों का कहना है कि खड्डा 40 किमी दूर है। वहां से खाद लाने में प्रति बोरी 150 रुपये तक अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है। इसमें भाड़ा और निर्धारित दर से ऊपर वसूली दोनों शामिल हैं। यही हाल बगहा से खाद लाने में भी है। सोहगीबरवा के पूर्व प्रधान व किसान विनय सिंह का कहना है कि इस क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ गन्ना व धान की खेती होती है। लेकिन खाद-बीज की उपलब्धता न होने से कि...
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