प्रयागराज, फरवरी 20 -- गोवर्धन मठ पुरी ओडिशा के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने हाल ही में गंगाजल को लेकर दी गई एनजीटी के रिपोर्ट पर कहा, गाय और गंगा कभी भारत की संस्कृति और समृद्धि की पहचान हुआ करती थी। लोकतंत्र में आज वही राजनेताओं की इच्छाशक्ति की कमी के कारण संकट में है। भारत में संरक्षण के अभाव में गाय की ‌क‌ई नस्लें जहां लुप्त होने के कगार पर हैं। वहीं, विकास के नाम पर पतित पावनी मां गंगा का अपना मौलिक स्वरूप उद्गम स्थल पर ही खो गया है। शंकराचार्य ने कहा, गंगा यमुना की अविरलता और निर्मलता को लेकर कब तक छलावा होता रहेगा। करोड़ों लोगों की इन पवित्र नदियों से अकाट्य आस्था जुड़ी है। यह बात महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं ने साबित भी कर दिया है। कहा, मानव कल्याण के लिए अब मां गंगा को मौलिक स्वरूप में लौटाना होगा। महानगरों के अप...