गंगापार, जुलाई 18 -- गंगा में जलस्तर बढ़ने के साथ ही तटीय इलाके के आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों में भय व दहशत व्याप्त है। हर साल गंगा की बाढ़ इन गांवों के तमाम मकान गंगा में समाहित हो जाते हैं। गंगा का जलस्तर कम होने के साथ ही उन किसानों में काफी पीड़ा है, जिनकी सैकड़ों बीघे सब्जी व अन्य खेती गंगा के पानी में डूबकर नष्ट हो गई है। मांडा क्षेत्र के डेंगुरपुर, महेवा कला, बामपुर, चौकठा नरवर आदि तमाम गाँव गंगातट पर बसे हुए हैं। हर साल गंगा में बाढ़ आने पर इन गांवों के तमाम मकान गंगा में समाहित हो जाते हैं। चौकठा नरवर व डेंगुरपुर गाँव में गंगातट पर पत्थर का बांध बनाने का काम अभी तक अपूर्ण होने से ग्रामीणों में भय बना हुआ है। पिछले पांच छह वर्षों में उमापुर कला, नरवर चौकठा आदि गांवों के तट पर बसे दर्जनों मकान गंगा में समाहित हो चुके हैं। बामपुर...