मेरठ, जुलाई 16 -- खेल में कॅरियर को लेकर अपार संभावनाएं हैं। मेरठ में द्रोणाचार्य की जरूरत है तभी यहां से अर्जुन निकल सकेंगे। स्कूलों में भी बच्चों को खेलों में कॅरियर को लेकर जागरूक करना चाहिए। परिजन भी बच्चों को खेल के प्रति जागरूक करें। यह बातें पूर्व ओलंपियन अशोक ध्यानचंद ने कही। मंगलवार को वह राधा गोविंद स्कूल में चल रही सीबीएसई क्लस्टर बैडमिंटन प्रतियोगिता के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि आज बैडमिंटन का खेल देश के प्रत्येक कोने में खेला जा रहा है। पहले बंगाली लोग ही बैडमिंटन खेलते थे। प्रकाश पादुकोण ने बैडमिंटन को नई दिशा दी और अब साइना नेहवाल, पीवी सिंधू जैसी खिलाड़ियों ने इसकी दशा ही बदल दी। दोनों खिलाड़ी आज बैडमिंटन की रोल मॉडल बनकर उभरी हैं। उन्होंने कहा कि वह मेरठ में पैदा हुए हैं। इसलिए उन्हें ...