बगहा, जुलाई 4 -- खो-खो की महिला खिलाड़ियों को उपेक्षा का दंश झेलना पड़ रह है। मेडल जीतने के बाद भी उन्हें पर्याप्त मान-सम्मान नहीं मिल पाता है। उनके खेलने के लिए मैदान या स्टेडियम नहीं है। रमना मैदान में क्रिकेट खिलाड़ी तो महाराजा स्टेडियम में फुटबॉल खिलाड़ी खेलते हैं। इससे उन्हें प्रैक्टिस के लिए जगह नहीं मिल पाती है। इनका कहना है कि खेलने के लिए सामग्री विभाग नहीं उपलब्ध कराता है। खुद की बदौलत खिलाड़ी राज्य व राष्ट्रीय स्तर तक तो पहुंच जा रही हैं लेकिन इससे आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। इनका कहना है कि खेलने के लिए मैदान, बेहतर प्रशिक्षक व संसाधन उपलब्ध हों वे भी बेहतर कर सकती हैं। खो ऐसा खेल है जिसमें पश्चिम चंपारण के खिलाड़ियों का हमेशा राज्य में दबदबा देखने को मिलता है। जब भी राज्यस्तरीय या राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट होते हैं, उसमें पश्...