नई दिल्ली, जून 21 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली-एनसीआर का दम घोंटने वाली पराली अब खेतों में नहीं बल्कि पंजाब और हरियाणा के ईंट भट्ठों में जलेगी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पंजाब और हरियाणा सरकार को निर्देश दिए हैं कि ईंट-भट्ठों पर ईंधन के तौर पर पराली जलाने को अनिवार्य किया जाए। आयोग ने कहा कि वर्ष 2028 तक ईंट भट्ठों की जरूरत का 50 फीसदी ईंधन पराली को किया जाना चाहिए। ज्ञात हो कि दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र को खासतौर पर अक्तूबर और नवंबर के महीने में दमघोंटू हवा में सांस लेना पड़ता है। इसके पीछे प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों और मौसम के कारकों की भूमिका तो रहती ही है लेकिन पंजाब और हरियाणा के खेतों में जलने वाली पराली भी इस स्थिति को बदतर बना देती है। पंजाब और हरियाणा में धान की फसल काटने के बाद उसके बचे-खुचे अवशेषों को खेत में ही जला...