जमशेदपुर, जुलाई 21 -- पूर्वी सिंहभूम जिले में बरसात में वज्रपात से होने वाली मौतें बढ़ती जा रही हैं। आपदा प्रबंधन की ओर से जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, एक दशक में वज्रपात से दो सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। राज्यभर में के आंकड़े और डराने वाले हैं। वर्ष 2014-15 से 2023-24 के बीच वज्रपात की चपेट में आकर झारखंड में कुल 2717 लोग जान गंवा चुके हैं। इन मौतों में 90% से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में हुईं, जिनमें बड़ी संख्या में किसान शामिल थे। यह प्राकृतिक आपदा अब राज्य के लिए गंभीर सामाजिक और आर्थिक संकट बन चुकी है। झारखंड देश के प्रमुख आदिवासी बहुल इलाकों में आता है, यहां के लोग खासकर खेतों में काम करने वाले, चरवाहे और खुले में रहने वाले ग्रामीण अधिक जोखिम में रहते हैं। लगातार हो रहीं दर्दनाक घटनाएं मई 2025 में घाटशिला के पास आमतालगोड़ा ग...