कटिहार, दिसम्बर 17 -- नीरज कुमार, कटिहार, निज प्रतिनिधि: जिले में मक्का की खेती कैश क्राप के रूप में बड़े पैमाने पर होती है। खेती के रकवे पर मक्का का सिक्का चल रहा है। जबकि गेंहू व दहलन की खेती का रकवा पिछले पांच वर्षों में घटा है। जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में बदलाव का भी कोई खास असर मक्का पर नहीं होता है। इस कारण किसानों के लिए मुनाफे के लिए मक्का की खेती साबित होती है। पिछले पांच वर्षों में मक्का की खेती का रकवा ढ़ाई गुना तक बढ़ी है। जबकि गेंहू की खेती के रकवे में फीसद तक की कमी आई है। वर्ष 2021-22 में जहां मक्का की खेती 36 से 38 हजार हेक्टेयर में होती थी। वहीं अब यह यह रकवा 88 हजार हेक्टेयर से अधिक हो गया है। गेंहू की खेती का रकवा 36 हजार हेक्टेयर से घटकर 17 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है। दलहन की खेती तो अब जिले में गिने चुने किसान...