नई दिल्ली, नवम्बर 5 -- प्रभात कुमार नई दिल्ली। भूजल संकट का सामना कर रहा हरियाणा ने खेती और सिंचाई के तरीकों में बदलाव कर पानी बचाने का मिसाल कायम किया है। पिछले दो सालों में हरियाणा ने खेती/सिंचाई के तरीकों में बदलाव और फसलों के विविधिकरण को अपना कर 4 लाख करोड़ लीटर से अधिक पानी का बचत किया है। हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में दाखिल रिपोर्ट में दावा किया गया है। एनजीटी में दाखिल अपने रिपोर्ट में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने दावा किया है कि 'इंटीग्रेटेड वॉटर रिसोर्स एक्शन प्लान -2023-25 के तहत राज्य में मार्च 2025 तक पानी बचाने के लिए निर्धारित लक्ष्य का 85.24 फीसदी हासिल कर लिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में खेती और सिंचाई के तरीकों में बदलाव करने साथ-साथ फसलों के विविधिकरण को अपनाया ...