गोरखपुर, मई 2 -- गोरखपुर। मुख्य संवाददाता गुरुवार को ग्रामीण समेत शहरी क्षेत्रों में जोरदार बारिश और ओलावृष्टि हुई। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक रबी की फसल कटने से खाली पड़े खेतों की बारिश से नर्म हुई मिट्टी में जुताई करने का यही सही समय है। खेत की जुताई कर किसान धान की फसल उगाने से पहले हरी खाद यानी ढैंचा की बुआई कर सकते हैं। गोरक्षनगरी में 50 फीसदी अनुदान पर 300 कुंतल ढैंचा बीज किसानों में उपलब्ध कराया जा रहा है। असल में रासायनिक उर्वरकों के बढ़ते प्रयोग के कारण मिट्टी की उर्वरता शक्ति तेजी से घट रही है। इसमें सुधार लाने के लिए ढैंचा सबसे बेहतर विकल्प है। गोरखपुर जिले में 300 कुंतल ढैंचा बीज का आवंटन कर किसानों में 11685 रुपये प्रति कुंतल की दर से वितरित किया जा रहा है। प्रति हेक्टेयर 40 किलोग्राम ढैंचा बीज की बुआई करनी है। संयुक्त कृषि न...