झांसी, अक्टूबर 31 -- जिस घड़ी बुंदेलों को बेसब्री से इंतजार था। वह आ ही गई। शनिवार को देवोत्थान एकादशी के साथ रानी का शहर झांसी 'शादी जोन' की केटेगिरी में होगा। खूब शहनाईयां बजेंगी। रात दूल्हे घोड़ी चढ़ेंगे तो सुबह दुल्हनों की डोली उठेगी। करीब चार महीने बाद बाराती भी बारात में ठुमके लगाने को उतावले हैं। पूरे नवंबर के अलावा दिसंबर में भी शादियों की बहार है। शनिवार से शादी-विवाह कार्यक्रमों लेकर पुजारियों, हलवाईयों, टैंट-शमियाने, सजावटी, ब्यूटी पॉलर, फूल, सब्जी, किराना, ज्वैलरी, कपड़ा, बर्तन दुकानों पर व्यवस्था बढ़ जाएगी। 6 जुलाई को अषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी देवशयनी एकादशी से वैवाहिक कार्यक्रम बंद हो गए थे। भगवान विष्णु विश्राम के लिए चले गए थे। अगस्त, सितंबर, अक्तूबर में वैवाहिक कार्यक्रम नहीं हुए। फिर 7 सितंबर से पितरपक्ष शुरू हुए। जो 21 सितंबर त...