प्रयागराज, अक्टूबर 6 -- प्रयागराज। औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुसरोबाग में सोमवार को दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। इसमें जिले के फूलपुर, बहरिया और हंडिया तहसीलों के 55 प्रशिक्षुओं ने प्रतिभाग किया है। कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र कुमार सिंह ने पान की खेती में प्रयोग होने वाले संसाधनों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि पान की फसल लगाने से पहले भूमि की जांच अत्यंत आवश्यक है, जिससे पान में लगने वाले रोगों से बचाव किया जा सके। कीट विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक डॉ. अनुराग तायडे ने बताया कि पान की फसल में सफेद मक्खी एवं मिलीबग कीट का प्रकोप अधिक होता है, इसके नियंत्रण के लिए कीटनाशकों का एक निश्चित अनुपात पर ही प्रयोग करना चाहिए। मुख्य अतिथि हाइकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जिन पान के पत्तों की...