कन्नौज, मई 4 -- कन्नौज, संवाददाता। भागमभाग भरी जिदगी में आदमी हंसना भी भूल गया है और तनाव में जीने को मजबूर है। कहा जाता है एक हंसी सौ इलाज के बराबर होती है। न हंसना एक मनोविकार बनता जा रहा है। अब टीवी और यूट्यूब पर कॉमेडी और हास्य कवि सम्मेलन देखकर हंसने की कमी को पूरा कर रहे हैं। योग में भी हास्य को एक योग क्रिया माना गया है, पर जिदगी जिद्दोजहद में हंसी कहीं गुम हो गई है। इसीलिए मई महीने के पहले रविवार को हर साल विश्व हास्य दिवस मनाया जाता है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लोग दिन में सिर्फ एक बार खुलकर दिल से हंसते हैं, तो इससे आपकी कई परेशानियां दूर हो सकती हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है, साथ ही रक्तचाप को नियंत्रित करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और ऊर्जा स्तर को बढ़ाने में भी...