शाहजहांपुर, दिसम्बर 3 -- एक पैर से दिव्यांग होने के बावजूद मजबूत हौसलों के साथ समाजसेवा की मिसाल गढ़ने वाले मोहल्ला बिजलीपुरा निवासी पुनीत कुमार गुप्ता उर्फ कुमार सागर आज अनाथ और गरीब बच्चों के लिए उम्मीद का सबसे बड़ा आसरा बने हुए हैं। आज दिव्यांग दिवस पर उनका संघर्ष और सेवा भाव समाज को नई सोच देने वाला है। स्नातक शिक्षित कुमार सागर ने नौवीं कक्षा में ही बच्चों को पढ़ाने का सपना देखा था। शुरू में लोगों ने भरोसा नहीं किया, लेकिन उनकी मेहनत और निःशुल्क ट्यूशन ने विश्वास जीत लिया। इसी दौरान मोहल्ला पाठशाला की शुरुआत हुई। बाद में अक्षर वेलफेयर सोसायटी में सात वर्ष सेवा देने के बाद उन्होंने "गुरुकुल सेवा ट्रस्ट" (रजि.) की स्थापना की, जिसमें आज 50-60 बच्चे पढ़ रहे हैं। संपन्न बच्चों से मिलने वाला शुल्क और संस्था पदाधिकारियों की बचत ही बच्चों की...